FD की घटती ब्याज दरों के चलते बेहतर हुए डेट फंड, 12 फीसदी तक दे रहे रिटर्न
GAURAV KANSAL
08:23
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FD की घटती ब्याज दरों के चलते बेहतर हुए डेट फंड, 12 फीसदी तक दे रहे रिटर्न
बैंक FD की ब्याज दरें घट कर 6 फीसदी पर आ चुकी हैं। ऐसे में सुरक्षित निवेश और अच्छे रिटर्न का विकल्प बन कर डेट म्युचुअल फंड सामने आ रहे हैं। यहां पर निवेशकों को 12 फीसदी तक रिटर्न मिला है। यह फंड निवेशकों का पैसा स्टॉक मार्केट की जगह कंपनियों और सरकार के डेट इंस्ट्रूमेंट में लगाते हैं। इक्विटी म्युचुअल फंड के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित माना जाता है।
सुरक्षा के साथ अच्छा रिटर्न चाहने वालों के लिए बेहतर विकल्प
एसबीआई म्युचुअल फंड के फिक्स इनकम के प्रमुख राधाकृष्नन के अनुसार पिछले दो साल से बैंक एफडी की ब्याज दरों में गिरावट का ट्रेंड है। इससे उन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिनका जीवनयापन इसी ब्याज की इनकम से होता है। उन्होंने बताया कि नोटबंदी के बाद से बैंकों के पास काफी कैश है, जिससे ब्याज दरों का ट्रेंड कमी की ओर ही है। इसके चलते लोगों को अन्य आकर्षक रिटर्न देने वाली जगहों पर ध्यान देना चाहिए, जहां निवेश की सुरक्षा भी रहे। उनके अनुसार डेट म्युचुअल फंड इस स्थिति में अच्छा विकल्प हो सकते हैं।
टॉप 5 डेट म्युचुअल फंड की स्कीम्स
डेट म्युचुअल फंड स्कीम्स
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1 साल का रिटर्न
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IDFC Dynamic Bond - Plan A (G)
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12.4 फीसदी
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Kotak Bond (Deposit Plan) (G)
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11.5 फीसदी
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Franklin India Dynamic Accrual - DP (G)
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10.6 फीसदी
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DHFL Pramerica Dynamic Bond -Direct (G)
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10.2 फीसदी
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Tata Gilt Sec - SMF - Direct (G)
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9.4 फीसदी
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डाटा : डाटा 10 नवंबर 2017 का, यह डेट फंड सरकारी सिक्योरिटीज और कंपनियों के बॉड में निवेश करते हैं।
टैक्स के लिहाज से भी अच्छे होते हैं डेट फंड
उन्होंने बताया कि इनकम टैक्स के लिहाज से डेट फंड एफडी से अच्छे होते हैं। एफडी पर होने वाली आमदनी सीधे इनकम पर जोड़ी जाती है। लेकिन यहां पर यह नहीं देखा जाता है कि एफडी कितने साल की थी, लेकिन डेट फंड में ऐसा नहीं है। डेट फंड में होने वाले लाभ की पर शार्ट टर्म और लॉग टर्म कैपिटल गैन के हिसाब से गणना की जाती है। यहां पर तीन साल तक का निवेश शार्ट टर्म और तीन साल से ऊपर का निवेश लॉग टर्म माना जाता है, और उसी तरह टैक्स की गणना की जाती है। तीन साल से ऊपर का निवेश हाेने पर टैक्स 20 फीसदी के हिसाब से लगता है और इंडेक्शन का लाभ मिलता है। इससे टैक्स की लॉयबिल्टी काफी कम हो जाती है। इसके अलावा अगर कोई निवेश डेट फंड में डिविडेंट ऑप्शन लेता है, तो उसे डिविडेंट टैक्स फ्री मिलता है।
जरूरत पर निवेश निकालन भी आसान
उन्होंने कहा कि अगर किसी निवेशक को पैसों की जरूरत पड़ती है तो उसके लिए डेट फंड से पैसा निकालना आसान रहता है। एफडी से अगर पैसा निकालना हो तो उसे पूरा ही पैसा निकालना पड़ता है, जबकि डेट फंड में ऐसा नहीं है। एफडी में जल्द पैसा निकालने पर पेनाल्टी भी देनी पड़ती है, जबकि ज्यादातर डेट फंड ऐसी कोई शर्त नहीं लगाते हैं। निवेशक अपनी जरूरत के हिसाब से कभी भी पैसा निकाल सकते हैं। इसके अलावा निवेशक पैसा कई बार में भी निकाल सकते हैं। इस लिहाज से डेट फंड ज्यादा निवेशक फ्रैंडली होते हैं।
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